पंजाब की धड़कन

CHAIFRY POT

Chaifry

6/10/20251 min read

पंजाब के सुनहरे खेतों में, जहां सरसों के पीले फूल हवा के साथ लहराते हैं और आसमान को रंग देते हैं, भांगड़ा की थाप गूंजती है, गुरुद्वारे की शांत भक्ति हृदय को छूती है, और खेतों में मेहनत करते किसानों की हंसी हवा में तैरती है। पंजाब का दिल बड़ा है, लेकिन उसकी पीड़ा भी कम नहीं। लस्सी की ठंडी मिठास, मक्के दी रोटी और सरसों दा साग की सोंधी खुशबू, और पंजाबी लोकगीतों की जीवंतता हर पल को रंग देती है। सुबह के खेतों में ओस की बूंदें मोती की तरह चमकती हैं, और शाम को गांववाले गुरुद्वारे में इकट्ठा होकर अरदास करते हैं। पंजाब की मिट्टी की सोंधी गंध और सांस्कृतिक धरोहर पाठक के दिल तक पहुंचती है, जैसे वह स्वयं उन खेतों में सैर कर रहा हो।

पंजाब की सुबह में सूरज की किरणें सरसों के खेतों पर सुनहरी चादर बिछाती हैं, और खेतों में काम करने वाले किसानों की फावड़े की आवाज हवा में गूंजती है। आंगनों में दादी सुबह-सुबह तुलसी को जल चढ़ाती है, और चूल्हों पर मां मक्के की रोटी सेंकती है, जिसकी खुशबू पूरे घर को महका देती है। खेतों के बीच बच्चे पतंग उड़ाते हैं, और उनकी हंसी हवा में तैरती है। वैसाखी की धूम में नई फसल की खुशी गांववालों को भांगड़ा करने पर मजबूर करती है, और ढोल की थाप हर दिल को नचाने लगती है। लोहड़ी की रात में आग की लपटें आसमान को छूती हैं, और गांववाले मूंगफली और रेवड़ी खाते हुए हंसी-मजाक में डूब जाते हैं। मेलों की रौनक में चटकीले रंगों की चूड़ियां, मिट्टी के खिलौने, और जलेबी की मिठास हर चेहरे पर मुस्कान बिखेरती है।

पंजाब की सांस्कृतिक समृद्धि एक चित्रपट की तरह उभरती है। गुरुद्वारों में सुबह की अरदास में भक्तों की आवाजें एक स्वर में गूंजती हैं, और लंगर की सेवा हर भूखे पेट को सुकून देती है। पंजाबी लोकगीत खेतों में काम करती महिलाओं के होंठों पर बसते हैं, और जट्ट की हिम्मत अपनी जमीन के लिए हर तूफान से लड़ती है। बुल्ले शाह की कविताएं आज भी पंजाब के दिल में बसती हैं, और ढाबों पर ट्रक ड्राइवर और राहगीर एक साथ बैठकर पराठे और लस्सी का लुत्फ उठाते हैं। पंजाब में हर त्योहार एक उत्सव है—वैसाखी की फसल की खुशी हो, या तीज का रंग-बिरंगा उल्लास, जब औरतें गिद्दा करती हैं, और उनकी हंसी खेतों में गूंजती है। पंजाबी विवाहों में दुल्हन की मेहंदी की खुशबू और बारात की धूम हर गली को जीवंत कर देती है।

पंजाब की गलियों में बच्चे साइकिल दौड़ाते हैं, और बरगद का पेड़ चौपाल की शोभा बढ़ाता है। दादा जी अपनी पगड़ी में गर्व और आंखों में अतीत की यादें लिए बैठते हैं। माएं अपने बेटों के लिए गुरुद्वारे में माथा टेकती हैं, और लड़कियां खेतों में काम करते हुए विदेश जाने के सपना देखती हैं। मेलों में झूलों पर बच्चे हंसी के झोंके छोड़ते हैं, और नहर के किनारे प्रेमी अपनी बातें साझा करते हैं। पंजाबी नाटक गांववालों को हंसी और आंसुओं में डुबो देते हैं, और रेडियो पर बजने वाले गीत हर दिल को छू लेते हैं। ट्रैक्टर की आवाज खेतों में हल चलाती है, और बैलगाड़ी अब भी गांव की गलियों में चलती है। पंजाब में हर सुबह नई उम्मीद लेकर आती है, और हर रात गुरुद्वारे की शांति में डूब जाती है।

पंजाब की खूबसूरती के साथ-साथ उसकी चुनौतियां भी सामने आती हैं। पानी की कमी खेतों को प्यासा छोड़ देती है, और किसानों की मेहनत को चुनौती देती है। कर्ज में डूबे किसान अपनी जमीन बचाने की जद्दोजहद में रात-रात जागते हैं। आधुनिकता की चमक पुरानी परंपराओं को धुंधला कर देती है, और युवा अपनी जड़ों को छोड़कर शहरों की ओर भाग रहे हैं। स्कूलों में बच्चे टूटी बेंचों पर बैठकर बड़े सपने देखते हैं, लेकिन किताबों और शिक्षकों की कमी उनके सपनों को अधूरा छोड़ देती है। नहरें सूखने लगी हैं, और मछुआरे अपनी नावों में पहले जैसी मछलियां नहीं पाते। गांव की चौपालें सूनी हो रही हैं, क्योंकि नई पीढ़ी मोबाइल की स्क्रीन में खोई है।

पंजाब की आत्मा हर पल में बसती है। बूढ़ी दादी अपने पोते को गुरु नानक की कथाएं सुनाती है, और लड़के खेतों में काम करते हुए अपनी प्रेमिका के लिए गीत गाते हैं। गुरुद्वारे हर दिल की पुकार सुनते हैं, और खेतों में सरसों के फूल हवा में नाचते हैं। मेलों में बच्चे गुब्बारे लिए दौड़ते हैं, और नदी के किनारे बुजुर्ग अपनी जवानी की यादों में खो जाते हैं। पंजाबी लोकगीत खेतों में गूंजते हैं, और ढोल की थाप हर दिल को नचाने को मजबूर करती है। बकरी गांव की गलियों में भटकती है, और कुत्ता रात को चौपाल की रखवाली करता है।

पंजाब में औरतें गुरुद्वारे में अपनी बेटियों की सलामती की दुआ मांगती हैं, और नौजवान खेतों में मेहनत करते हुए अपने परिवार के लिए बेहतर भविष्य का सपना देखते हैं। हर घर में पंजाब की धड़कन बसती है, और हर धड़कन में मिट्टी की खुशबू और गुरुद्वारे की शांति समाई है। बूढ़े किसान अपने खेतों को देखकर गर्व करते हैं, और माएं अपने बच्चों के लिए रात-रात जागकर काम करती हैं। पंजाब में हर पल एक उत्सव है, और हर उत्सव में उसकी धड़कन गूंजती है।

पंजाब की गलियों में साइकिलों की घंटियां बजती हैं, और खेतों में गन्ने की मिठास हवा में घुलती है। पंजाबी शादियों में ढोलक की थाप और बैंजो की धुन हर कदम पर नाचने को मजबूर करती है। गांव की औरतें खेतों में गेहूं की बालियां चुनते हुए लोकगीत गुनगुनाती हैं, और बच्चे नहर के किनारे मिट्टी के घर बनाते हैं। पंजाब की मिट्टी में वह ताकत है, जो हर मुश्किल से लड़ने की हिम्मत देती है। गुरुद्वारे की दीवारों में सिख गुरुओं की वाणी गूंजती है, और हर भक्त को जीवन का मोल सिखाती है। पंजाब की नहरें, भले ही सूख रही हों, फिर भी उनके किनारे उगी फसलें उसकी जिजीविषा का प्रतीक हैं।

पंजाब की जीवंतता और गर्मजोशी ऐसी है कि पाठक स्वयं उन खेतों में भांगड़ा करता हुआ महसूस करता है। पंजाब का हर रंग, हर ध्वनि, और हर खुशबू एक जीवंत चित्र बनाता है, जो उसकी आत्मा को जीवंत करता है। पंजाब की सुनहरी खेतों, गुरुद्वारे की शांति, और लोकगीतों की मिठास में वह अपनेपन का एहसास है, जो पाठकों को उसकी मिट्टी से जोड़ देता है। पंजाब की धड़कन हर पल में गूंजती है, और उसकी सोंधी मिट्टी में सरसों के खेतों की जीवंतता बसती है।