अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध: ईवी संकट
WEB'S ON FIRE
Chaifry
5/18/20251 min read
अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध: इलेक्ट्रिक वाहनों पर तनाव, बच्चों और समाज पर संकट
आज, 18 मई 2025 को, अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध ने दुनिया को हिलाकर रख दिया है। अमेरिका ने चीनी इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी), बैटरी, और सौर पैनलों पर भारी शुल्क लगाए, यह कहते हुए कि चीन की सब्सिडी अनुचित है। जवाब में, चीन ने कड़ा प्रतिशोध लेने की कसम खाई, जिससे वैश्विक व्यापार युद्ध का डर बढ़ गया। यूरोपीय संघ भी चीनी ईवी आयात की जांच कर रहा है, जिससे हरित ऊर्जा साझेदारियां खतरे में पड़ गई हैं। यह तनाव सिर्फ व्यापार तक सीमित नहीं है—यह दुनिया के बच्चों और समाजों की जिंदगी को बदल रहा है, जैसे कोई तूफान उनकी उम्मीदों को उजाड़ रहा हो।
अमेरिका का कहना है कि चीन की सब्सिडी उनकी कंपनियों को नुकसान पहुंचा रही है। उसने चीनी ईवी पर 100% तक शुल्क लगाए, जबकि बैटरी और सौर पैनलों पर भी भारी कर थोपे। चीन ने जवाब में अमेरिकी सामानों पर 125% तक शुल्क बढ़ाने की घोषणा की और दुर्लभ खनिजों के निर्यात पर रोक लगा दी, जो ईवी और तकनीक के लिए जरूरी हैं। इस खींचतान ने वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं को हिलाकर रख दिया है।
बच्चों और समाज पर गहरा असर
यह व्यापार युद्ध दुनिया के बच्चों को सबसे ज्यादा चोट पहुंचा रहा है। दक्षिण एशिया और अफ्रीका जैसे गरीब क्षेत्रों में, अनाज और ईंधन की कीमतें बढ़ रही हैं, क्योंकि व्यापार बाधित हो रहा है। लाखों बच्चे भूखे पेट सो रहे हैं, क्योंकि उनके माता-पिता के पास रोटी खरीदने के पैसे नहीं हैं। यूनिसेफ की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, 2025 में वैश्विक खाद्य कीमतों में 15% की वृद्धि से 20 करोड़ बच्चे कुपोषण का शिकार हो सकते हैं। स्कूल बंद हो रहे हैं, क्योंकि सरकारें आर्थिक संकट से जूझ रही हैं। बच्चे, जो दुनिया का भविष्य हैं, इस युद्ध की सबसे बड़ी कीमत चुका रहे हैं।
समाज भी टूट रहे हैं। अमेरिका और यूरोप में ईवी और सौर पैनलों की कीमतें बढ़ रही हैं, जिससे साफ ऊर्जा की राह मुश्किल हो रही है। ग्लोबल साउथ में, जहां सस्ते चीनी ईवी और सौर पैनल बिजली की उम्मीद थे, अब ये सपना महंगा हो गया है। मजदूर और छोटे व्यवसायी नौकरियां खो रहे हैं, क्योंकि व्यापार रुक रहा है। लैटिन अमेरिका और दक्षिण-पूर्व एशिया में, जहां चीनी ईवी लोकप्रिय थे, उपभोक्ता अब महंगे विकल्पों की ओर देख रहे हैं, जिससे उनकी बचत खत्म हो रही है। यह युद्ध ऐसा है, जैसे पूरी दुनिया आर्थिक भंवर में फंस गई हो।
हरित भविष्य पर सवाल
यह तनाव हरित ऊर्जा के भविष्य को खतरे में डाल रहा है। चीन दुनिया का सबसे बड़ा ईवी और सौर पैनल निर्माता है, जो वैश्विक स्वच्छ ऊर्जा का 60% से ज्यादा हिस्सा बनाता है। लेकिन अमेरिकी शुल्क और यूरोपीय जांच ने इस आपूर्ति को बाधित कर दिया है। विश्व बैंक की एक रिपोर्ट कहती है कि 2025 में स्वच्छ ऊर्जा परियोजनाओं में 20% की कमी आ सकती है, जिसका सबसे ज्यादा असर बच्चों पर पड़ेगा। वे प्रदूषण और गर्मी की मार झेलेंगे, क्योंकि साफ ऊर्जा की पहुंच कम हो रही है।
यूरोप में, जहां जलवायु लक्ष्य सख्त हैं, चीनी ईवी और बैटरी पर शुल्क की जांच से तनाव बढ़ रहा है। यूरोपीय कमीशन की प्रमुख उर्सुला वॉन डेर लेयन ने चेतावनी दी कि सस्ते चीनी उत्पाद यूरोपीय कंपनियों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। लेकिन अगर ये शुल्क बढ़े, तो यूरोप के बच्चे और समाज साफ हवा और सस्ती बिजली से वंचित हो सकते हैं। यह युद्ध हरित भविष्य के लिए एक दीवार बन रहा है।
क्या है रास्ता?
यह व्यापार युद्ध हमें याद दिलाता है कि बच्चों का भविष्य हमारी जिम्मेदारी है। दुनिया भर में लोग सड़कों पर उतर रहे हैं, साफ ऊर्जा और शांति की मांग कर रहे हैं। बच्चे अपने चित्रों में हरे-भरे ग्रह की तस्वीर बना रहे हैं, और मांएं प्रार्थना कर रही हैं कि उनके बच्चों को साफ हवा और सुरक्षित भविष्य मिले। हमें इस युद्ध को रोकने के लिए एकजुट होना होगा।
सोशल मीडिया, न्यूज चैनल, और अखबारों के जरिए इस संकट की बात फैलाएं। सरकारों से कहें कि वे व्यापार युद्ध की जगह बातचीत चुनें। सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, और सस्ते ईवी को बढ़ावा दें, ताकि बच्चों को साफ हवा और बेहतर भविष्य मिले।