USA Administration Bars Harvard from Enrolling International Students
WEB'S ON FIRE
Chaifry
5/23/20251 min read
23 मई 2025 को, अमेरिकी होमलैंड सिक्योरिटी विभाग (डीएचएस) ने ट्रम्प प्रशासन के तहत हार्वर्ड यूनिवर्सिटी का स्टूडेंट एंड एक्सचेंज विजिटर प्रोग्राम (एसईवीपी) प्रमाणन रद्द कर दिया। यह कदम हार्वर्ड को 2025-2026 शैक्षिक वर्ष के लिए अंतरराष्ट्रीय छात्रों का नामांकन करने से रोकता है। इससे 140 से अधिक देशों के लगभग 6,800 छात्र प्रभावित होंगे, जो हार्वर्ड के 27% छात्रों का हिस्सा हैं। यह कार्रवाई अप्रैल 2025 में शुरू हुए विवाद का परिणाम है, जब डीएचएस ने विदेशी छात्रों के अनुशासनात्मक रिकॉर्ड की मांग की थी। हार्वर्ड ने आंशिक रूप से अनुपालन किया, लेकिन डीएचएस ने इसे अपर्याप्त माना।
डीएचएस ने हार्वर्ड पर निम्नलिखित आरोप लगाए:
यहूदी-विरोधी माहौल: 2024 में फिलिस्तीन समर्थक प्रदर्शनों के दौरान यहूदी छात्रों के लिए “शत्रुतापूर्ण शैक्षिक माहौल” को संबोधित करने में विफलता।
चीनी कम्युनिस्ट पार्टी से संबंध: 2024 में शिनजियांग प्रोडक्शन एंड कंस्ट्रक्शन कॉर्प्स को प्रशिक्षण देने का आरोप, जिसे अमेरिका ने मानवाधिकार उल्लंघनों के लिए प्रतिबंधित किया है।
अनुपालन में विफलता: विदेशी छात्रों की कथित “गैरकानूनी और हिंसक गतिविधियों” के रिकॉर्ड प्रदान करने में नाकामी।
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के अनुसार हार्वर्ड ने इस कार्रवाई को “गैरकानूनी” और “प्रतिशोधी” करार दिया, इसे प्रथम संशोधन के उल्लंघन और शैक्षिक स्वतंत्रता पर हमला बताया। यूनिवर्सिटी के अध्यक्ष एलन गार्बर ने अंतरराष्ट्रीय छात्रों के योगदान को रेखांकित किया, जो हार्वर्ड के शैक्षिक और सांस्कृतिक माहौल को समृद्ध करते हैं। हार्वर्ड ने तत्काल मुकदमा दायर किया, और 22 मई को, जज एलिसन बरोज ने प्रक्रियात्मक अनियमितताओं के आधार पर दो सप्ताह के लिए अस्थायी रोक लगा दी। हार्वर्ड ने तर्क दिया कि यह कदम इमिग्रेशन एंड नेशनलिटी एक्ट का उल्लंघन करता है और यूनिवर्सिटी की अनुसंधान क्षमता को कमजोर करता है।
शैक्षिक स्वतंत्रता: अमेरिकन काउंसिल ऑन एजुकेशन और प्रतिनिधि जेमी रास्किन जैसे आलोचकों ने इसे हार्वर्ड की स्वतंत्रता पर “असहनीय हमला” बताया।
वैश्विक छात्र गतिशीलता: यह प्रतिबंध प्रतिभा को ऑक्सफोर्ड या कैम्ब्रिज जैसे संस्थानों की ओर मोड़ सकता है, जिससे अमेरिकी उच्च शिक्षा की वैश्विक स्थिति कमजोर हो सकती है।
आर्थिक प्रभाव: अंतरराष्ट्रीय छात्र हार्वर्ड के लिए $1 बिलियन से अधिक का वार्षिक राजस्व उत्पन्न करते हैं। यह प्रतिबंध, पहले से ही $2.6 बिलियन की संघीय फंडिंग कटौती के साथ, वित्तीय स्थिरता को खतरे में डाल सकता है।
छात्रों की अनिश्चितता: प्रभावित छात्रों को अन्य विश्वविद्यालयों में स्थानांतरण करना होगा या उनकी वीजा स्थिति खतरे में पड़ सकती है।
ट्रम्प प्रशासन की यह कार्रवाई विश्वविद्यालयों पर यहूदी-विरोधी और “प्रो-हमास” विचारधाराओं के समर्थन के आरोपों पर सख्ती का हिस्सा है। हार्वर्ड को पहले ही $2.6 बिलियन की संघीय फंडिंग रोकी जा चुकी है, और इसकी कर-मुक्त स्थिति पर सवाल उठाए गए हैं। प्रशासन का एंटीसेमिटिज्म टास्क फोर्स अन्य विश्वविद्यालयों पर भी कार्रवाई कर रहा है, जैसे डीईआई कार्यक्रमों को समाप्त करने की मांग। यह नीति 2024 के कार्यकारी आदेश से प्रेरित है, जो यहूदी-विरोधी को राष्ट्रीय सुरक्षा खतरे के रूप में परिभाषित करता है।
अस्थायी रोक ने हार्वर्ड को राहत दी है, और एक प्रारंभिक निषेधाज्ञा पर सुनवाई जल्द होगी। हार्वर्ड का मुकदमा डीएचएस की कार्रवाई को असंवैधानिक और गैरकानूनी बताता है, जबकि ट्रम्प प्रशासन इसे जवाबदेही का कदम मानता है। इस मामले का परिणाम अमेरिकी उच्च शिक्षा और इसके अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए दीर्घकालिक प्रभाव डालेगा।