गाजा में युद्ध: बच्चों और समाज पर गहरा संकट, इजरायल-हमास युद्ध
WEB'S ON FIRE
Chaifry
5/18/20251 min read
गाजा में युद्ध: बच्चों और समाज पर गहरा संकट
गाजा का राफा शहर, जहां कभी बच्चों की हंसी गूंजती थी, आज बमों की गड़गड़ाहट और मासूमों की चीखों से थर्रा रहा है। इजरायल और हमास के बीच चल रहा युद्ध राफा में और भयानक हो गया है। इजरायली हवाई हमले और जमीनी कार्रवाइयां रिहायशी इलाकों को निशाना बना रही हैं। अस्पतालों में घायल बच्चे और रोते परिवारों की तस्वीरें दुनिया को झकझोर रही हैं। संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी है कि अगर युद्ध और बमबारी नहीं रुकी, तो गाजा में भुखमरी का भयानक संकट फैल सकता है।
राफा में हालात बद से बदतर हो रहे हैं। इजरायल ने गाजा-मिस्र सीमा पर राफा क्रॉसिंग पर कब्जा कर लिया, जिससे खाने, दवाइयों और पानी की सप्लाई रुक गई। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के मुताबिक, गाजा में 10 लाख से ज्यादा लोग, जिनमें आधे बच्चे हैं, अपने घर छोड़कर भागने को मजबूर हुए। स्कूल बंद हैं, और बच्चे भूखे पेट सड़कों पर भटक रहे हैं। एक मां ने कहा, “मेरे बच्चे को रोटी चाहिए, लेकिन मेरे पास देने को कुछ नहीं।”
दुनिया के बच्चों और समाज पर असर
यह युद्ध सिर्फ गाजा तक सीमित नहीं है, इसका असर दुनिया भर के बच्चों और समाजों पर पड़ रहा है। गाजा में 7 लाख से ज्यादा बच्चे बेघर हो चुके हैं। उनकी आंखों में स्कूल और खेल का सपना नहीं, बल्कि बमों का डर बस गया है। यूनिसेफ की एक रिपोर्ट बताती है कि गाजा के बच्चे कुपोषण और मानसिक सदमे का शिकार हो रहे हैं। कई बच्चे अपने माता-पिता खो चुके हैं, और उनके चेहरे पर मुस्कान की जगह खामोशी छा गई है।
दुनिया भर में समाज इस युद्ध की आग में जल रहे हैं। अफ्रीका और एशिया के गरीब देशों में अनाज की कीमतें बढ़ गई हैं, क्योंकि गाजा में बंदरगाह और रास्ते बंद होने से सप्लाई रुकी है। भुखमरी का खतरा बढ़ रहा है, और लाखों बच्चे रात को भूखे सो रहे हैं। यूरोप में गाजा से आए शरणार्थी बच्चों को नई भाषा और अनजान माहौल में जीने की जद्दोजहद करनी पड़ रही है। उनके दिल में अपने घर की याद और युद्ध की सिसकियां बसी हैं।
शांति की राह क्यों रुकी?
मिस्र और कतर इस युद्ध को रोकने की कोशिश कर रहे हैं। दोनों देशों ने शांति वार्ता की मेजबानी की, लेकिन बातचीत बार-बार टूट रही है। हमास ने मई 2024 में मिस्र और कतर के एक शांति प्रस्ताव को मंजूर किया, लेकिन इजरायल ने इसे ठुकरा दिया, कहते हुए कि यह उनकी मांगों को पूरा नहीं करता। इजरायल का कहना है कि वह हमास को खत्म करने और बंधकों को छुड़ाने तक रुकेगा नहीं। दूसरी तरफ, हमास चाहता है कि इजरायल गाजा से अपनी सेना हटाए। इस गतिरोध ने शांति की हर उम्मीद को धुंधला कर दिया।
संयुक्त राष्ट्र और कई देशों ने इजरायल की कार्रवाइयों की निंदा की है। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा, “नागरिकों पर हमले बंद होने चाहिए। गाजा में इंसानियत दम तोड़ रही है।” फिर भी, राफा में बमबारी जारी है, और दुनिया भर से उठ रही शांति की आवाजें अनसुनी हो रही हैं।
क्या है रास्ता?
यह युद्ध हमें याद दिलाता है कि बच्चों का भविष्य हमारी जिम्मेदारी है। गाजा के बच्चे, जो आज भूख और डर में जी रहे हैं, दुनिया का भविष्य हैं। अगर हम उनकी मुस्कान नहीं बचा पाए, तो हमारा समाज अधूरा रह जाएगा। दुनिया भर में लोग सड़कों पर उतर रहे हैं, शांति की मांग कर रहे हैं। बच्चे अपने चित्रों में शांति के प्रतीक बना रहे हैं, और माताएं प्रार्थना कर रही हैं कि उनके बच्चे सुरक्षित रहें। “हर बच्चे की हंसी में ही दुनिया की सच्ची रोशनी छिपी है।“
"Hello! Guru, your article on the Gaza mess is really very thought provocative. I must admit that millions have been displaced and starved in Gaza by bombardment and blockade. While children huddle under rubble and hospitals run dry the world's powers watch from afar geopolitical calculus muting anger and complicit in this human tragedy. Well thought out writing! Keep it going. we love to read such stuff." MARK DESOUZA: Thu Jun 12 2025 05:24:09 GMT+0530 (India Standard Time)